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Friday, 23 July 2021

Disaster never comes with a knock, Are you ready for it?

Disaster never comes with a knock,
Are you ready for it.

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Monday, 19 July 2021

Best school in Nangloi

Vivekanad Model School
Providing Scholarship Competition Online Exam
Sunday 1st August 

जल्दी करें, कहीं मौका हाथ से निकल न जाये।

3 साल से 12 साल के बच्चों के लिए कोविड -19 के समय में सुनहरा अवसर

🏆 विवेकानंद मॉडल स्कूल
अच्छी पढ़ाई ,अच्छा स्कूल 🏆

Vivekanand Model School द्वारा आयोजित
"Scholarship Competition Exam"

सभी बच्चे इसमें भाग लें।

विवेकानंद स्कूल में एडमिशन के बाद प्रथम 10 (Top 10) बच्चों की पूरी फीस माफ़ होगी, और अगले 10 बच्चों की 50 % फीस माफ़ होगी जब तक वह स्कूल में पढ़ेंगे।

अधिक जानकारी के लिए आप हमे school में संपर्क कर सकते है।

Vivekanand Model School. Bhooto Wali Gali, Nangloi, New Delhi - 110041

Time 10.00 A.M. to 11.00 A.M.

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Sunday, 18 July 2021

Best Scholarship by Vivekanand Model school in Nangloi Jat

 जल्दी करें, कहीं मौका हाथ से निकल न जाये।

3 साल से 12 साल के बच्चों के लिए कोविड -19 के समय में सुनहरा अवसर
🏆 विवेकानंद मॉडल स्कूल
अच्छी पढ़ाई ,अच्छा स्कूल 🏆
Vivekanand Model School द्वारा आयोजित
"Scholarship Competition Exam"
सभी बच्चे इसमें भाग लें।
विवेकानंद स्कूल में एडमिशन के बाद प्रथम 10 (Top 10) बच्चों की पूरी फीस माफ़ होगी, और अगले 10 बच्चों की 50 % फीस माफ़ होगी जब तक वह स्कूल में पढ़ेंगे।
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Vivekanand Model School. Bhooto Wali Gali, Nangloi, New Delhi - 110041
Time 10.00 A.M. to 11.00 A.M.



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Saturday, 17 July 2021

Scholarship Competition Online Exam

 जल्दी करें, कहीं मौका हाथ से निकल न जाये।

3 साल से 12 साल के बच्चों के लिए कोविड -19 के समय में सुनहरा अवसर 🏆 विवेकानंद मॉडल स्कूल अच्छी पढ़ाई, अच्छा स्कूल 🏆 Vivekanand Model School द्वारा आयोजित "Scholarship Competition Online Exam" सभी बच्चे इसमें भाग लें। विवेकानंद स्कूल में एडमिशन के बाद प्रथम 10 (Top 10) बच्चों की पूरी फीस माफ़ होगी, और अगले 10 बच्चों की 50 % फीस माफ़ होगी जब तक वह स्कूल में पढ़ेंगे।



अधिक जानकारी के लिए आप हमे school में संपर्क कर सकते है। Vivekanand Model School. Bhooto Wali Gali, Nangloi, New Delhi - 110041 Time 10.00 A.M. to 11.00 A.M.
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Monday, 12 July 2021

भूखमरी ! सामाजिक जिम्मेदारी! एक प्रश्न!

नरेश कुमार ऐरण बताते है कि भूखमरी एक ऐसी सामाजिक स्थिति है जिसमें मनुष्य के पास खाने-पीने का उचित साधन मौजूद नहीं होता। शरीर को मिलने वाले पौष्टिक आहार की कमी से भूखमरी की स्थिति उत्पन्न होती है। जिस तरह जीवन यापन करने के लिए रोटी कपड़ा और मकान की आवश्यकता होती है ठीक उसी तरह शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए पौष्टिक आहार की भूमिका भी काफी महत्त्वपूर्ण है। चूंकि व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों रुप से श्रम करता है लिहाजा शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए मनुष्य को पौष्टिक भोजन की अत्यंत आवश्यकता है। शारीरिक श्रम करने के लिए अतिरिक्त पोषक तत्वों की जरूरत होती है। मानव शरीर को यह अतिरिक्त पोषक तत्व मानव को कुछ विशिष्ट पदार्थों से प्राप्त होता है, यह पोषक तत्व विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैलोरी और कुछ विशेष लवणों में पाया जाता है जिसका सेवन करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है ।

मानव शरीर में विटामिन, पोषक तत्वों और ऊर्जा अंतर्ग्रहण की गंभीर कमी को भूखमरी कहते हैं। भूखमरी कुपोषण का सबसे चरम रूप है। कुपोषण की कमी और भुखमरी के कारण शरीर के कुछ अंग स्थायी रूप से नष्ट हो सकते हैं जिसका अंत परिणाम मृत्यु भी हो सकती है।
भारत में शिशु मृत्यु के कुल मामलों में से आधे मामलों के लिए कुपोषण ही उत्तरदायी है।कुपोषण और भुखमरी का सीधा संबंध गरीबी से जुड़ा हुआ है। गरीब व्यक्ति दैनिक जीवन यापन में आने वाले संसाधनों को जुटाने में ही अपना जीवन व्यतीत कर देता है, उसके पास भरपेट भोजन की ही व्यवस्था नहीं होती पोषक तत्वों को भोजन में शामिल करना उसके लिए दूर की बात है।
आंकड़े बताते हैं कि विश्व स्तर पर लाख प्रयासों के बावजूद गरीबी, कुपोषण और भुखमरी में कमी नहीं आयी और यह रोग लगातार बढ़ता ही गया। इसका मुख्य कारण अन्न की बर्बादी को बताया गया। गरीबी और भूख की समस्या का निदान खोजने तथा जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। भोजन बर्बाद न करें और इसका सम्मान करें, क्योंकि आधी दुनिया मौलिक आवश्यकताओं के अभाव में जी रही है तथा काफी हद तक भुखमरी की शिकार है। विश्व समाज के संतुलित विकास के लिए यह आवश्यक है कि मनुष्य का सर्वांगीण विकास हो। विश्व में लोगों को संतुलित भोजन की इतनी मात्रा मिले कि वे कुपोषण के दायरे से बाहर निकल कर एक स्वस्थ जीवन जी सकें। लोगों को संतुलित भोजन मिल सके, इसके लिए आवश्यक है कि विश्व में खाद्यान्न का उत्पादन भी पर्याप्त मात्रा में हो।
भूखमरी को लेकर संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में हर साल कुपोषण के कारण मरने वाले पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या दस लाख से भी ज्यादा है। दक्षिण एशिया में भारत कुपोषण के मामले में सबसे बुरी हालत में है। देश के सामने गरीबी, कुपोषण और पर्यावरण में होने वाले बदलाव सबसे बड़ी चुनौती है। भारत में भूख की समस्या चिंताजनक स्तर तक पहुंच गई है। आंकड़े बताते हैं कि दक्षिण एशिया में भारत में कुपोषण समस्या सबसे बड़ी है।‌ एक अध्ययन के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति और ग्रामीण समुदाय पर अत्यधिक कुपोषण का बोझ है। कुपोषण देश को दीमक की तरह खाए जा रहा रहा है। गरीबी और अशिक्षा के चलते ग्रामीण अंचलों में बच्चों की परवरिश ठीक ढंग से नहीं हो पाती, जिससे बच्चे बीमारियों और कुपोषण की चपेट में आ जाते हैं। वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक की रिपोर्ट कहती है कि भारत की 68.5 फीसद आबादी गरीबी रेखा के नीचे रहती है।

आंकड़े के मुताबिक देश में 22 करोड़ 46 लाख लोग कुपोषण का शिकार हैं। भारत बढ़ती हुई आबादी के साथ रोजगार के साधनों के अभाव के फलस्वरूप देश को गरीबी, भुखमरी, अनपढ़ता और कुपोषण का सामना करना पड़ रहा है। भारत में गरीबी उन्मूलन और खाद्य सहायता कार्यक्रमों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद कुपोषण लगातार एक बड़ी समस्या बनी हुई है। अनुमान है कि दुनिया भर में कुपोषण के शिकार हर चार बच्चों में से एक भारत में रहता है। भूखमरी के कारण करोड़ों बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है क्योंकि उन्हें अपने बाल्यकाल में संतुलित पोषण नहीं मिल पाता है। यही कारण है कि ये बच्चे बेहद कमजोर होते हैं। भूख के कारण शारीरिक कमजोरी से बच्चों में बीमारियों से ग्रस्त होने का खतरा लगातार बना रहता है। यही कारण है कि भारत में हर साल हजारों बच्चों की अकाल मौत होती है। संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक विश्व में करीब 159 लाख बच्चे लंबे समय से कुपोषण के शिकार हैं। असमान वितरण प्रत्येक बच्चे में कुपोषण का अंत शीर्षक से जारी एक अध्ययन में कहा गया है कि साल 2030 तक कुपोषण निवारण हेतु निरंतर कार्य करने के बावजूद विश्व में पांच वर्ष से कम उम्र के 129 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार बने रहेंगे।

विश्व की सरकारों की तमाम कोशिशों के बावजूद दुनिया भर में भूखे पेट सोने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है बल्कि यह संख्या आज भी तेजी से बढ़ती जा रही है। विश्व में आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो भुखमरी से जूझ रहे हैं। विश्व की आबादी वर्ष 2050 तक नौ अरब होने का अनुमान लगाया जा रहा है और इसमें करीब 80 फीसदी लोग विकासशील देशों में रहेंगे।

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार में हर साल 23 करोड़ टन दाल, 12 करोड़ टन फल एवं 21 टन सब्जियां वितरण प्रणाली में खामियों के चलते खराब हो जाती हैं तथा उत्सव, समारोह, शादी−ब्याह आदि में बड़ी मात्रा में पका हुआ खाना ज्यादा बनाकर बर्बाद कर दिया जाता है। अगर इस तरह से बर्बाद होने वाले खाद्य पदार्थों को संरक्षित कर लिया जाए तो भूखे लोगों को भोजन मुहैया कराया जा सकता है ।

जनसंख्या वृद्धि के कारण भी खाद्यान्न समस्या का अधिक सामना विकासशील देशों को करना पड़ रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार सवा अरब आबादी वाले भारत जैसे देश में 32 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार भारत में 2009 में 23 करोड़ 10 लाख लोग भुखमरी का सामना कर रहे थे। आज भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। देश में खाद्यान्न का उत्पादन बड़े स्तर पर होने के बावजूद बड़ी आबादी भुखमरी का संकट झेल रही है।
दुनिया भर में खाद्यान्न निर्यात करने वाले भारत में ही 30 करोड़ गरीब जनता भूखी सोती है। एक तरफ देश में भुखमरी है वहीं हर साल सरकार की लापरवाही से लाखों टन अनाज बारिश की भेंट चढ़ रहा है। हर साल गेहूं सड़ने से करीब 450 करोड़ रूपए का नुकसान होता है। भारत में गरीबी उन्मूलन और खाद्य सहायता कार्यक्रमों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद कुपोषण लगातार एक बड़ी समस्या बनी हुई है। भूख के कारण कमजोरी के शिकार बच्चों में बीमारियों से ग्रस्त होने का खतरा लगातार बना रहता है। इसके अलावा करोड़ों बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है क्योंकि उन्हें अपने शुरुआती वर्षों में पूरा पोषण नहीं मिल पाता है।

भारत जैसे देश में भूखमरी का सबसे बड़ा कारण अशिक्षा, बेरोजगारी और गरीबी है इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं (भूकंप, बाढ़ , भूस्खलन ) का विनाशकारी रूप और अत्यधिक जनसंख्या में वृद्धि भी अकाल पड़ने का एक मुख्य कारण है । संसाधनों की तचलधा में अधिक जनसंख्या के कारण कृषि पर अधिक भार पड़ता है, बेरोजगारी फैलती है जिसके कारण लोग प्रभावित क्षेत्र से पलायन करने आते हैं ।
भूखमरी अथवा अकाल का सबसे अधिक प्रभाव गरीब जनसंख्या पर पड़ता है। जिनके पास शरीर तो है लेकिन भोजन नहीं, श्रम तो करते हैं लेकिन पौष्टिक भोजन उपलब्ध नहीं, शिक्षा चाहते हैं लेकिन धन का अभाव है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भी भारत जैसे विकासशील देश से भूखमरी का अभिशाप खत्म नहीं हो रहा है । इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव करना चाहिए । देश करोड़ टन खाद्यान्न के भंडारण और रख-रखाव के प्रर्याप्त साधन मौजूद न होने से प्रतिवर्ष लाखों टन खाद्यान्न बरसात और अन्य कारणों से नष्ट हो जाता है, शादी-विवाह और अन्य समारोहों में भी भोजन के रूप में अनावश्यक रूप से ‌खाद्यान्न नष्ट होते हैं। खाद्य पदार्थों की इस तरह की बर्बादी पर अविलंब रोक लगाई जानी चाहिए। सरकारी खाद्य वितरण केन्द्रों पर खाद्यान्नों का असमान वितरण होने से जरूरतमंद लोगों को अनाज नहीं मिल पाता, यह भी भूखमरी का एक विकट कारण है। भूखमरी का मुख्य आधार गरीबी और अशिक्षा है। भूखमरी को दूर करने से पहले सरकार को चाहिए कि पहले वह गरीबी दूर करे, इसके लिए जरूरतमंद लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए जिससे वे समुचित ढंग से अपना जीवन यापन अन्य सकें। गरीबों को नौकरी परख व्यवसायिक प्रशिक्षण देने की जरूरत है । सरकार के इन प्रयासों से गरीबी दूर होगी और गरीबी दूर होते ही लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा जिससे भूखमरी स्वत: ही समाप्त हो जाएगी



Tuesday, 8 June 2021

Where we have to invest - Hannu Estates Pvt. Ltd.

Everyone have their own decision to #invest their #money but most of the #people have a similar thinking they want to invest their money to #buy #property either it is #commercial or #residential.

Even if we play some games of #farming, they also educate or guide us to buy a #agriculture #land, its shows how we can grown up

If we making a #online #shop so it is also asking for the #purchasing a shop i.e  #hosting

Now, in real #world we all are depend on three things Roti, Kapda aur #Makaan. We can get it buy money this things.

But third aspect which is a home (Makaan) takes sometimes big time, it will always unstable our #financial #strategy. If we are on #rent it means we have to #pay some of the #amount from our #salary to other. 

We all must have to think suppose we are #executive name A 

A have a #salary of 20,000/- and his #family #income is 50,000

he and his family are on #rental property @ 10,000/-

So, he left 40,000 on which they have to #survive.

After 10-20-30 years still rent amount will #increase, may be we have to shift another #place but there is no #option that we make their #own property because if rental #expenses increase it will effect on our expenses even our salary is also increases but still we don't have money at the end to buy property.


Now. Our #Manager is B who have a salary of 75,000/- and he have a own home

he can easily save that part of his income. Also, if he want he can invest in another property.

So, that's why he is our manager and we are executive.


Now, if we A change their #thinking and convert their rent to #emi of #bank #loans, they can easily get home. and After 10-20-30 years he save their home while converting their rent to bank emi.

Bank Emi will not increased, amount is #stable or less #flexible. and it will allow us to #bear other expenses.


And, if we have available this option in the market and we have

best property in West Delhi (best property in paschim vihar, nangloi, peeragarhi) 

Which is also a #Part of #Delhi i.e. #capital of #India then why we go  another place. if it easily #connect us to #Gurugram (#Gurgaon).


Hannu Estates pvt. ltd will give you #best #strategy to make #investment in #real #estate #sector. #Planning for #home, #shop, #hotels etc. you want.

Due to #pandemic #covid-19, our survival means become difficult for all of us. So, be have to make stable, be have to think #different, be have to be different.


Saturday, 12 December 2020

Farms Ville - The Country Escape - Level 2-4

  How to play Farms Ville - The Country Escape - Level 2-4

Before play understand the game



Thursday, 10 December 2020

Farms Ville - The Country Escape - Level 1

 How to play Farms Ville - The Country Escape - Level 1

Before play understand the game





Our Lifestyle and our Behavior

 We all have a different lifestyle. most of us love with our lifestyle also, sometimes we love with other style, but when we consider other...